अंगूर तूने बनाये, शराब बनाया तूने,
मैं शेख था, ख़राब बनाया तूने |
रास ना आयी तुझे जहान की रीत,
पहले सुकून था, इज़्तराब बनाया तूने |
तुझे शायद खुदा ने ख़ुदा बना दिया,
मैं जी रहा था, सैलाब बनाया तूने |
खुद तो आया ही नहीं पीने तुझे,
शराब पी रहा था, अज़ाब बनाया तूने |
मज़ाक बना दिए मेरे दिल तूने अजब,
वीरान जीवन था, एहबाब बनाया तूने |
उर्दू लहजे के कारण अर्थ ज्यादा समझ में नही आया पर अल्फ़ाज़ का लुफ्त उठाया । सुन्दर अल्फाज
धन्यवाद।