चकले की एक शाम

शाम का समय है | गाडियों के हॉर्न, गालियों और ९० के दशक के गाने माहोल बना रहे है | अलग-अलग उम्र की औरतें माचिस की डिब्बी जैसे झोपड़ियों के बाहर खडी हैं | परेशान, कमीने, गुसैल और भूखे मर्द उन औरतों को अश्लील निगाहों से देख रहे | पुलिस की गाडी बार-बार चक्कर मार … Continue reading चकले की एक शाम

खड़े ** पर धोखा

अबला डिम्पी आखिर १८ साल की हो ही गयी | इसी ख़ुशी में, आदि ने एक शानदार पार्टी का आयोजन किया और हॉस्टल के कुछ ख़ास दोस्तों को बुलाया था | सेक्टर २६ के एक छोटे-मोटे रेस्टोरेंट में पार्टी चल रही थी और उसने ऊपर अपने और डिम्पी के लिए एक सिंगल रूम बुक किया … Continue reading खड़े ** पर धोखा

फ़्लैशबैक

रात घनघोर है पर मुझसे कुछ पिछला याद आ रहा है | जहाँ तक मुझे याद है, मैं हमेशा से ही परिवार का एक जगमगाता तारा था | स्कूल में भी एकदम शातं था और सब मुझसे प्यार करते थे | मुझे मेरी पहली जीत भी याद है — स्कूल के स्पोर्ट्स-डे के दिन | … Continue reading फ़्लैशबैक

एक अनोखी क्रशरात

जिम्मी, कितने साल बाद मिलें है यार हम लोग ?लगभग २२ साल बाद |सब कुछ कितना बदल गया है पर फ़िर भी कितना सेम है ना ?हाँ यार चिंकी, इन्ना मज़्ज़ा आ रहा है | आप क्या मिले, लाइफ बन गयी |सेम-टू-सेम |क्या पिओगी? यहाँ सब कुछ है |अभी कुछ नहीं | आज उपवास है … Continue reading एक अनोखी क्रशरात

Y-सिंड्रोम

मोहित का दिमाग भी उसकी वासना जैसा ही गरम और अस्थिर था | यह डूड तो कभी एक जगह पर टिकता ही नहीं था | कभी इस डाल तो कभी उस डाल, कभी इधर डाल तो कभी उधर डाल | क्या ? अपनी नाक | आप क्या समझ बैठे ? लेकिन दिमाग में — इस … Continue reading Y-सिंड्रोम

वह कौन थे ?

मेरठ से आई रेलगाड़ी पांच घंटे लेट थी | दिमाग और मौसम वैसे ही ख़राब था उस पर कोयल की फूटी किस्मत — मुंबई बंद | यहाँ नयी जॉब से दिल में ठंडक आई थी और पता नहीं क्या हुआ, पूरा शहर जल रहा था | जैसे शमशान में मुर्दे जलते हैं ना, एकदम वैसे … Continue reading वह कौन थे ?

शेम कथा

शमन जवानी की चोटी पर था | खून में जवानी, बातों में जवानी, दिल में जवानी, जेब में जवानी, जवानी ही जवानी | जवानी तो जैसे रम थी जिसे वह रोज़ ही पीता और जीता था | उम्र २५ की थी पर घमंड एक युग पुराना और स्टाइल फुल फिल्मी | हर पल कुछ नये … Continue reading शेम कथा

जूनियर कॉलेज

दसवी की परीक्षा में सावन को ७८% मिल गए थे | ठीक-ठाक ही थे उस ज़माने में जब हिंदी फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे ने सारे देश में धूम मचा राखी थी | सावन को एक अच्छे कॉलेज में दाखला लेना था तो मुंबई के सुंदर जय-हिंद कॉलेज में जैसे-तैसे आखरी लिस्ट में आखरी नाम … Continue reading जूनियर कॉलेज

छमिया बास्टर्ड

ठीक रात को दस बजे के आस-पास — हमेशा की तरह — सोनु उर्फ़ फॉरटीस ने अपने टपोरी दोस्त गुल्लू के साथ सनम बार में एंट्री ली | फिल्म घातक का — कोई जाए तो ले आये — गाना जोर से बज रहा था | सनम बार फुल रंग-बिरंगी सुंदर नाचती हुई सनमों, धुएं और … Continue reading छमिया बास्टर्ड

तीन बजे वाला थप्पड़

रात आधी जली, आधी बुझी सी थी | जैसे सूरज पर किसी नटखट कमीने ने पानी डाल दिया हो ना, एकदम वैसी | ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन के नेमप्लेट के नीचे, अपने नकली जे.बी.एल. के हेडफोंस में नाइनटीस के कुमार सानु के गाने सुनते-सुनते, साहिल ट्रेन का इंतज़ार कर रहा था | कम से कम … Continue reading तीन बजे वाला थप्पड़