हालत पर हमारी आती है उन्हें हँसी |
क्या करें ? ज़िंदगी यूँ है फसी |
ना है आँखों में आँसू, ना होठों पे हँसी,
ना रात को चैन, ना दिन को सुकून |
जलाते रहते है अपने दिल का खून |
पीसते रहते है अपने आप में हम,
दिल वीरान है, सौ है ग़म |
वह कहते है — पागलपन है तुम्हारा,
हम कहते है — है बेकसी |
वह पूछतें है — क्यों ज़िंदा हो ?
हम कहते है — है बेबसी |
क्या करें ? ज़िंदगी यूँ है फसी |
Exactly….Dil viraan hai, sau hai gham.
Good!
पीसते रहते है अपने आप में हम,
दिल वीरान है, सौ है ग़म |
lajwab lekhan.
Bahut khub..
Jindgi ka sach likh diya jaise aapne
Superb lines… 👌
Thanks a lot dear.
Nyc lines
Thanks a lot.
Nice one
Thanks a lot.