नाम हर किसी का बदल जाता है

नाम हर किसी का बदल जाता है।
शारीर से प्राण निकलते ही इंसान बॉडी बन जाता है।
चकाचौंद दुनिया का डूबा तारा नोबॉडी बन जाता है।
नाम हर किसी का बदल जाता है।

मुसीबत में फसा दोस्त भिखारी बन जाता है।
अधिक माल मिलते ही इंसान अधिकारी बन जाता है।
नाम हर किसी का बदल जाता है।

संसार त्याग के इंसान योगी बन जाता है।
काम आते ही दोस्त उपयोगी बन जाता है।
नाम हर किसी का बदल जाता है।

मंत्र फूंख के गुंडा मंत्री बन जाता है।
महाद्वीप बट-बट के कंट्री बन जाता है।
नाम हर किसी का बदल जाता है।

मोटा घपला करके इंसान चालक बन जाता है।
एक ही पल में एक मुट्ठी राख़ बन जाता है।
नाम हर किसी का बदल जाता है।

4 thoughts on “नाम हर किसी का बदल जाता है

  1. नाम हर किसी का बदल जाता है…
    वाह! वाह! वाह!
    ज़िंदगी के तजुरबों से रस निकाल कर
    उसको सब में बाँटने वाला कवि बन जाता है

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