सलाम मुंबई

सर झुकेगा नही,
लहू से नहाकर आएंगे |
लोहे की दीवार तोड़ कर,
मंज़िल तक पहुँच जायेंगे |

इंसानियत है तलवार हमारी,
कभी ना हम घबराएंगे |
ए ख़ुदा,
तेरे घर में अपना नाम-ए-शहर रोशन कर आएंगे |

सलाम मुंबई !

4 thoughts on “सलाम मुंबई

      1. Meri manjil mumbai ki sadakein hin hai…
        Main bhi lyricsist hi banna chahta hoon…
        Likhne je siwa mujhe kuchh aata bhi kuchh nahi hai….

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