दर्द को आवाज़ बना लो

दर्द को आवाज़ बना लो |
अंत तो आगाज़ बना लो |

दुनिया शायद सुन ले,
चीख़ को साज़ बना लो |

जैसा करोगे, वैसा भरोगे,
मुर्रव्व्त को रिवाज़ बना लो |

खुश रहना हो जो तुम्हे,
खुशनुमा मिज़ाज बना लो |

याद आये जो बचपन, अजब,
कागज़ का जहाज़ बना लो |

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