कितना ख़ामोश यह पानी है |
सबकी अपनी-अपनी कहानी है |
कोई ना जाने इसका राज़,
यह कहानी किसी ने ना जानी है |
जो दिल में है वह कह दो आज |
यहाँ कोई नहीं जो अंतर्यामी है |
प्यार, इश्क, मोहब्बत है काफ़ी,
ज़िंदगी फानी है, आनी है, जानी है |
यह ग़ज़ल अजब है पर मेरी ज़ुबानी है |
कितना ख़ामोश यह पानी है |
सहज सरल शब्दों में बेहतरीन ग़ज़ल
Thanks a lot 🙂