कितने कमाल के है वह साहिर

बेवफाई करने में है वह माहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |

हमारा सब पूछ लेते है हाल,
निकाल लेते है बाल की भी खाल |

अपनी दास्ताँ नहीं करते पर ज़ाहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |

आ’उस की तरह देखते है आब,
रक़्स फरमाते है लाजवाब |

रक्स-ए-बिस्मिल उनका है ताहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |

2 thoughts on “कितने कमाल के है वह साहिर

Leave a Reply