बेवफाई करने में है वह माहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |
हमारा सब पूछ लेते है हाल,
निकाल लेते है बाल की भी खाल |
अपनी दास्ताँ नहीं करते पर ज़ाहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |
आ’उस की तरह देखते है आब,
रक़्स फरमाते है लाजवाब |
रक्स-ए-बिस्मिल उनका है ताहिर,
कितने कमाल के है वह साहिर |
nice words combination Agastya
Thanks a lot for the encouraging words.