रात घनघोर है पर मुझसे कुछ पिछला याद आ रहा है | जहाँ तक मुझे याद है, मैं हमेशा से ही परिवार का एक जगमगाता तारा था | स्कूल में भी एकदम शातं था और सब मुझसे प्यार करते थे | मुझे मेरी पहली जीत भी याद है — स्कूल के स्पोर्ट्स-डे के दिन |
मैं फर्स्ट आया था |
मुझे पता ही नहीं था के मेरे अंदर इतना हॉर्स-पॉवर है | यह तो तब पता चला जब मैंने १०० हाफ्ते हुए घोड़ों की तरह फिनिशिंग लाइन पर खड़े होकर पीछे मुड कर देखा |
मैं अपनी दोस्त से घंटों बीते दिनों की बातें करता रहता हूँ | कभी उन अच्छे दिनों के बार में, कभी उन बुरे दिनों के बार में और कभी उन दिनों के बार में जो कभी थे ही नहीं |
यह मेरा कमरे का कोना एक रंगमंच है | यहाँ खट्टे-मीठे पल मेरी आँखों के सामने अपना तमाशा दिखाते है, महफ़िल सजाते है | आज रात फ़िर एक महफ़िल सजी है |
मेरे दोस्त, तुम्हे मुझे सुनना अच्छा लगता है ना ?
तुम्हे वह दिन याद है जब मैं क्लास में फर्स्ट आया था ? हाँ यार, वही दिन | मेरी क्लास टीचर कितना खुश थी | उन्होंने पहली बार मुझे अलग से बात की थी | मैं उनको आज तक ढूंड रहा हूँ | शायद वही मेरे जीवन की पहली क्रश थी |
मेरे साथ हमेशा अच्छा हुआ है |
तुम्हे मेरी पहली किस याद है ? जूनियर कॉलेज वाली ? वह मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन था | क्या लड़की थी यार !
एसा लगता था के हम जन्नत में जी रहे है | हम हाथ में हाथ डाल गरम सुरज तले अपनी गर्मी बांटते थे |
वाह !
पर क्या है ना, आजकल मेरी तबियत ठीक नहीं रहती | मुझे अपनी गोलियां टाइम पर लेनी होती है | मैं एक मिनट में अपनी गोली खाकर आता हूँ |
मैं आ गया मेरे दोस्त |
तुम्हे याद है जब पिताजी ने मुझे अपने १८ वे बर्थडे पर गाडी गिफ्ट की थी ? हम सब कितने खुश थे उस दिन | मेरी वह छोटी बेहेन कितनी प्यारी थी | मैंने उसके लिए एक सुंदर जोड़ा लिया था उसकी शादी के लिए |
ज़िंदगी कितनी तेज़ दौड़ी उस दिन के बाद से |
मुझे मेरी छोटी बेहेन याद आती है | हम साथ कितना खुश रहते थे पर मुझे बिछड़ना पड़ा, हमे बिछड़ना पड़ा | मैं रोया, वह रोयी, आसमान रोया | मैं दरवाज़े पर खड़ा उसे जाता देखता रहा |
जीवन क्रूर है |
मुझे बहुत दर्द हुआ था | मेरे दिल के हज़ार टुकड़े हो गए थे | जैसे-तैसे मैंने अपने दिल को जोड़ा है पर कुछ टुकड़े आज भी नहीं मिल रहे है |
लोग बोलते थे की मैं बदल गया हूँ | मुझे तो उनकी बातें समझ नहीं आती थी | क्या तुम्हे कुछ समझा आता था ?
में अपने रंगमंच में बीता समय देखना चाहता हूँ | अच्छा लगता है | वह सब सब देखना चाहता हूँ जो कभी हुआ ही नहीं |
तुम कुछ बोलते क्यूँ नहीं हो ?
मैं जानता हूँ मेरी दोस्त शांत है पर मैं उसे से बहुत प्यार करता हूँ |वह मेरे बारे में सब जानती है | वही मेरे जिंदा होने का इकलौता सबूत है |
क्या तुमको भी दुनिया की तरह मुझे में कोई सनक नज़र आती है ?
उसने मुझे फिर छोड़ दिया है | मैंने अपने घुटनों पर खड़े होकर उस से माफ़ी मांगी पर वह रुकी नहीं | वह चली गयी | मैं और नहीं रोना चाहता था, बस एक दूसरी दुनिया में जाना चाहता था | मेरी हालत ख़राब थी पर गोलियां मुझे संभाले हुए थी | कभी-कभी तो मुझे खुद मेरा ही शरीर मेरे आँखों के सामने एक लाश की तरह पड़ा दीखता था | जीने की कोई चाह नहीं बची थी |
मेरी नौकरी चली गयी क्यूंकि मेरा ध्यान काम में लगता ही नहीं था | नफ़रत है मुझे उन कुत्तों से | सबसे ज़्यादा दुःख मुझे इस बात का है के मेरे माँ-बाप ने मुझसे बात करना बंद कर दिया | मेरी छोटी बेहेन मुझसे दूर भागने लगी |
बताओ, यह सब क्यूँ हुआ ?
अब सिर्फ़ तुम या यह गोलियां जवाब दे सकती है — वह मुझे अच्छा महसूस करवाती है और तुम मुझे ज़िंदा होने का एहसास दिलाते हो |
यह फ़्लैशबैक में जीना मुझे बोहोत अच्छा लगता है |
पर मेरी दोस्त को यह सब पसंद नहीं | तो इसलिए — इस बार — मैंने फ़ोन उठा कर फ़ेंक दिया | वह फ़ोन जो रिमोट कंट्रोल है मेरे उस फ़्लैशबैक के रंगमंच का |
खैर, ये मैं था दो साल पहले |
अब मैं काफी ठीक हु और मेरे पास फ़िर एक परिवार है | मेरा डॉक्टर कहता है कि मैं ड्रग्स का शिकार था — फ़्लैशबैक का | वह तो सिर्फ़ गोलियां थी पर मुझे नहीं पता कब वह मुझे खा गयी और मैं सोचता था के मैं उन्हें खा रहा हूँ |
नशा गर्लफ्रेंड जैसा नहीं होता | वह वफ़ादार होता है | तुम उसे भले छोड़ वह पर वह तुम्हे नहीं छोड़ेगा | पर इस बार मैंने उसे धोखा दे दिया |
मैं अपने नए घर — द सेकंड चांस होम — में खुश हूँ | यह उन लोगों का घर है जो फ़्लैशबैक के मारे है, मेरी तरह |
Nostalgia – nicely penned
Thanks a lot. Do share it ahead.
क्या बात है भाई… मजा आ गया…