सालों ! जागो !

सालों ! जागो !
सालों से सो ही रहे हो |
बातों में खो ही रहे हो |
सालों ! जागो !

आग जो लायी थी हमने,
नफ़रत की,
वह अब हमें ही जला देगी |
वह अब हमें ही दागा देगी |
सालों ! जागो !

धंधा बना रखा है, यार,
बस सिर्फ़ एक ही बात आती है |
जीत और हार,
छोड़ो ना यार इसको,
बना रहे हो किसको ?
सालों ! जागो !

आपस में हम लड़ रहे है |
मासूम बच्चे मर रहे है |
क्या मौन का फायदा अब ?
जब अपने ही घर जल रहे है |
सालों ! जागो !

ओये ! हिंदुस्तान के रखवालों !
ओये ! पाकिस्तान के घरवालों !
सालों ! जागो !
देश मर रहा है |
सालों ! जागो !

प्रेम से ही हल है |
सिर्फ़ इसमें ही बल है |
लड़ना है ?
और लड़ना है ?
घर में ही छोटी-छोटी क़ब्र बना लो |
बरांदे में शम्शाम बना लो |
सालों ! जागो !

बच्चे पैदा कर लोगे,
उनको अमन कहाँ से दोगे ?
अपनी नफरत की आग से,
क्या उनको अग्नि दोगे ?
सालों ! जागो !

सोते ही रहते हो |
सालों ! जागो !
रोते ही रहते हो |
सालों ! जागो !

अपने ही हाथ है |
गर तू और मैं साथ है |
सालों ! जागो !
सालों ! जागो !

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