सुना है बहुत वफ़ा है शहर में आपके |
ऐसा भी क्या जादू है शहर में आपके ?
मैंने तो आज़मा ली अपनी किस्मत वहाँ भी,
पर संग दिल सनम है शहर में आपके |
सुना है वहाँ चांदी के कमल खिलते है |
पर वहाँ सादगी भरे चेहरे कम मिलते है |
सुना है वहाँ हक़ीक़त बहुत है नायाब,
पर मैंने तो पाया वफाओं के बदले अज़ाब |
करके देख ली वफ़ा मैंने शहर में आपके |
पत्थर ही पत्थर है शहर में आपके |
सुना है वहाँ सुख ही सुख है, ग़म नहीं,
पर वहाँ उल्फ़त की कीमत भी कम नहीं |
सुना है वहाँ आईने बोलते है,
पर वहाँ लोग दिल को सोने-चांदी से तोलते है |
छोड़िये, कुछ भी नहीं है शहर में आपके |
सब के सब अजब है शहर में आपके |