याद है मुझे, वह मुलाक़ात आखरी थी |
तेरे-मेरे बीच में वह बात आखरी थी |
तूने मुझे उठवा लिया दुनिया से,
मुझे याद है, वह कायनात आखरी थी |
तेरे ख़ल्क़ मैं नागवार ही रहा,
तेरी बनायीं हुई मख़लूक़ात आखरी थी |
तेरे ही जलवों पर सब लूटा दिया,
मुझे याद है, वह इल्तिफ़ात आखरी थी |
अपने आप को खुद ही दफ़न कर आया हूँ,
मेरी यहाँ यह वजिबात आखरी थी |
अब इसके बाद नहीं फ़ना होगा यह अजब,
मुझे याद है, वह वफ़ात आखरी थी |
beautifully penned
Thanks a lot kiddo 😉
its so called kiddo🙈🙈🙈
Apologies, so called kiddo.
it’s okay✌️
just awsum
Thanks a lot Saumya!
Bahut खूब
Thankssssssssssssssssssssssssss!
NICE….
Thanks a lot!