याद है मुझे

याद है मुझे, वह मुलाक़ात आखरी थी |
तेरे-मेरे बीच में वह बात आखरी थी |

तूने मुझे उठवा लिया दुनिया से,
मुझे याद है, वह कायनात आखरी थी |

तेरे ख़ल्क़ मैं नागवार ही रहा,
तेरी बनायीं हुई मख़लूक़ात आखरी थी |

तेरे ही जलवों पर सब लूटा दिया,
मुझे याद है, वह इल्तिफ़ात आखरी थी |

अपने आप को खुद ही दफ़न कर आया हूँ,
मेरी यहाँ यह वजिबात आखरी थी |

अब इसके बाद नहीं फ़ना होगा यह अजब,
मुझे याद है, वह वफ़ात आखरी थी |

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