मेरे ख़ुदा, यही मेरी रज़ा है |
मेरी माफ़ी ही मेरी सज़ा है |
रिहाई में काफ़ी तनहा था,
अब यही सज़ा में मज़ा है |
सिर्फ़ एक इशारे ने बदल दिया,
क्या खूबसूरत ये फ़िज़ा है ?
बना रखी थी दुनिया को रखैल,
अब मेरी नियत बिलकुल पाकिज़ा है |
पहले एक ही पत्थर में तुझे देखा,
अब मेरे खुदा, तू जाबाज़ा है |