मैं रक़्क़ासा मेरे यार की |
मैं शौक़ीन मेरे प्यार की |
मेरी आँखें गोया हज़ार माहताब,
जन्नत अधूरी मिसाल मेरे निगार की |
शराब ने सीखा मुझसे पीना,
नशा बात करता मेरे ख़ुमार की |
मुझसे है यह कायनात ज़ायेदा,
दीवाने रह तकते मेरे इक़रार की |
तेरा-मेरा मिलना तो तय था,
देख दास्ताँ मेरे क़रार की |
मैं इश्क़, कहीं फ़ना न हो जाऊं,
इम्तिहान मत लेना मेरे प्यार की |
दिलबर तुझ पर लूटा दूंगी,
पत्तियां सब मेरे चिनार की |
हर हयात में करेगी अजब,
दुनिया मेरे मज़ार की |
Mast likha hai…..Bahut khub.
Bohot dhanyawaad bade Bhai.
Swagat apka.