मैं रक़्क़ासा

मैं रक़्क़ासा मेरे यार की |
मैं शौक़ीन मेरे प्यार की |

मेरी आँखें गोया हज़ार माहताब,
जन्नत अधूरी मिसाल मेरे निगार की |

शराब ने सीखा मुझसे पीना,
नशा बात करता मेरे ख़ुमार की |

मुझसे है यह कायनात ज़ायेदा,
दीवाने रह तकते मेरे इक़रार की |

तेरा-मेरा मिलना तो तय था,
देख दास्ताँ मेरे क़रार की |

मैं इश्क़, कहीं फ़ना न हो जाऊं,
इम्तिहान मत लेना मेरे प्यार की |

दिलबर तुझ पर लूटा दूंगी,
पत्तियां सब मेरे चिनार की |

हर हयात में करेगी अजब,
दुनिया मेरे मज़ार की |

3 thoughts on “मैं रक़्क़ासा

Leave a Reply