दुनिया ने खूब पंगा पड़ा रखा है,
इसलिए मैंने काला रंग चढ़ा रखा है |
बेकार ही ज़िंदगी को मुअम्मा बना रखा है,
इसलिए मैंने काला रंग चढ़ा रखा है |
दिल में इतनी नफरत का लोहा जड़ा रखा है,
इसलिए मैंने काला रंग चढ़ा रखा है |
सब ने सफ़ेद रंग में अपना रंग लगा रखा है,
इसलिए मैंने काला रंग चढ़ा रखा है |
मैंने अपने आप को अजब बना रखा है,
इसलिए मैंने काला रंग चढ़ा रखा है |
Bahut khub likha Hai.