नौ दिल-ए-गिरफ्तार हूँ, मुझे होश नहीं |
मैं तेरा प्यार हूँ, मुझे होश नहीं |
कोई साज़ छेड़ मिलान का, ए मेरे फनकार,
मैं इतना बेक़रार हूँ, मुझे होश नहीं |
ना रोके मुझे कोई बंधन बन कर ज़ंजीर,
मैं हवा-ए-फरार हूँ, मुझे होश नहीं |
अश्क़-ए-मुस्तक़बिल करेगा,
बीमार-ए-दिल का इलाज |
मैं खुद नागवार हूँ, मुझे होश नहीं |
तेरी राह तकते-तकते, यार अजब,
मैं खुद बन गया इंतज़ार हूँ, मुझे होश नहीं |
Nice poem😎🤗
Thanks!
welcome!😎