मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
सात सुरों के गीत गाता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
रक़्स की रात में,
हर शख़्श की बात में,
ना जाने क्यों, जाने क्यों ?
रात भर याद आता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
इस डाल से उस डाल,
इस हाल से उस हाल,
सोच की पतंग उड़ाता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मुझे बुला रही है वो शफ़क़,
कुछ ख्वाबों की वो कसक,
जिस से रिश्ता निभाता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
हर नज़ारा छू लूँ फिर से,
काश, छू लूँ फिर से,
वह आकाश, वह अंबर बुलाता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
मन तो चाहता ही रहा |
Nice…
Very nice
Thanks a lot.
Nice agastya
Omg! Thanks a lot.
Your writing is very good!! 👌
Thanks a lot for the kind appreciation.
Very nice sir
Thanks a lot dear Shivangi.
क्या बात है
Thanks!