खेलो ना दिल से मेरे, शीशा है टूट जाएगा |
इतने प्यार से ना देखो मुझे, प्यार हो जाएगा |
चलते-चलते राह में वह मिल गया, अच्छा लगा |
रुख़्सार पर उसकी परेशानी थी पर सच्चा लगा |
उसने मुझे जाना, मैंने उसे,
हाँ, शायद वही थी सोचा था जिसे |
फिर किस्मत ने वफ़ा दिखाई !
एक बिजली हम दोनों के दरमियान आयी |
सिलसिले शुरू हुए,
मैंने अपनी मोहब्बत आज़मायी,
पर बेक़द्रों से दोस्ती रंग ना लायी |
वफ़ा तो क्या, उनकी बेवफाई भी ना पायी |
आज मैकदे में, मय नहीं, पर जाम तो है |
उनके सर पर मेरे प्यार का इलज़ाम तो है |
जब-जब याद करेंगे लोग प्यार की कहानी,
उनके नाम से हमारा नाम जोड़ा जायेगा |
इतने प्यार से ना देखो मुझे, प्यार हो जायेगा |
Awesome ..sir…
Pyar ho jaega
Thanks a lots. No “sir”, only Agastya.
Ok..agastya sir..🤓
Only Agastya is better.
Okk..agastya
खेलो ना दिल से मेरे, शीशा है टूट जाएगा |
इतने प्यार से ना देखो मुझे, प्यार हो जाएगा |
waah….kya khub likha…..bahut khub.
Thanks a lot.
Yahi to uljhan h
बेहतरीन दोस्त 🙂
धन्यवाद मित्र |