दो ही महीनों में बेहाल हो गया |
दो ही महीनों में दिल का यह हाल हो गया |
फासले कईं थे दरमियाँ हमारे,
दो ही महीनों में कमाल हो गया |
जुदा थे तन से, मन से नहीं,
दो ही महीनों में यह ख़याल हो गया |
हर जानिब उनका ही चेहरा देखा,
दो ही महीनों में दिल का यह हाल हो गया |
हर नफ़स में वह थी पर वह थी ही नहीं,
दो ही महीनों में कितना कंगाल हो गया |
उनकी याद ने बना दिया मुझे एक अजब मक़बरा,
दो ही महीनों में दिल का यह हाल हो गया |