तेरा कुछ जायेगा नहीं, मेरा कुछ रहेगा नहीं |
ऐसा क्यों सोचते हो की ज़माना कुछ कहेगा नहीं |
आखिर सामने आ ही जायेगा वो कतरा बनकर,
पानी ही सही, बह ही जाएगा, कुछ सहेगा नहीं |
छलक ही जाएगा घड़ा गर ज़्यादा भरोगे,
ऐसा तो होता ही नहीं के कुछ बहेगा नहीं |
बात अजब सी सही, पर जान लो दिल में,
तेरा कुछ जायेगा नहीं, मेरा कुछ रहेगा नहीं |
वाह
Thanks a lot.