तुझे मिलने को चाहे यह मन

आज मौसम है सुहाना,
आजा करके कोई बहाना |
तुझे मिलने को चाहे यह मन,
तुझे छूने को चाहे यह मन |

आजा, यूँ ना दिल दुखाना,
तेरा मर जायेगा दीवाना |
तुझे मिलने को चाहे यह मन,
तुझे छूने को चाहे यह मन |

सुन यह सदा फ़िज़ाओं की,
खिला दे मेरी यह ज़िंदगी खिज़ाओं सी |
तुझे मिलने को चाहे यह मन,
तुझे छूने को चाहे यह मन |

मय नहीं मुझे तू चाहिए,
पैमाना नहीं मुझे समुंदर चाहिए |
कर दे वह नशा की मदहोश हो जाएँ हम |
तुझे मिलने को चाहे यह मन,
तुझे छूने को चाहे यह मन |

Leave a Reply