तुझसे मिलने की आरज़ू तो बहुत थी, लेकिन,
तेरे दरवाज़े तक आये हम औए रुक गए |
सीना चौड़ा था तेरे इश्क़ में, लेकिन,
मार गुरूर की ऐसी पड़ी के झुक गए |
वह सामने बैठा है, मेरा नहीं, लेकिन,
क़यामत ऐसी के टूट सब ताल्लुक गए |
काम ना आयी सब सीखी तीरंदाज़ी अजब,
क़ातिल बढे आये ऐसे के निशाने चूक गए |
Wah Wah.. BAhoot khoob.
Thanks a lot for the kind appreciation!
क्या खूब है!
बोहोत धन्यवाद।