फ़िर कभी ना हो जग में,
जैसा कल रात हुआ था |
इतना ना हो परेशान दिल,
जैसा कल रात हुआ था |
वक़्त कठिन है,
राह में फिसलन है |
कहीं लुट जाए ना जवानी,
जैसा कल रात हुआ था |
दुश्मन के पंजे बड़े है,
पैने है |
गिर मत,
संभल |
जैसा कल रात हुआ था |
खून में कीचड,
आँखों में धुल है |
इंसान की खाल में भेडिये,
देख रहे हो ?
जैसा कल रात हुआ था |
हाहाकार मच गयी,
जैसा कल रात हुआ था |
इंसान ने इंसान को फ़िर लूटा,
जैसा कल रात हुआ था |
कलियुग है पापियों को ईश्वर से डर नहीं लगता शायद
शायद ।