जब उनसे पुछा तो जवाब ही जवाब थे |
जब मेरी बारी थी, सब लाजवाब थे |
उनकी बात हुई तो सारी कायनात खुल गयी,
जब मेरी बारी थी, तो सिर्फ हिजाब थे |
उन्होंने कहा तो सारे रंग खिल गए,
जब मेरी बारी थी, सिर्फ़ नक़ाब थे |
उनकी नज़्म को मिली सारी वाह-वाह,
जब मेरी बारी थी, तो सिर्फ अज़ाब थे |