ख़ामोश आँखों से सब सूना दिखता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
नाम हज़ारों की भीड़ में नुख्ता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
हर कदम पर चलता था, रुकता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
पहले बाज़ारों में नहीं बिकता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
मेरे हिस्से का हिसाब नहीं चुकता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
हाल-ए-रूदाद पन्नो में लिखता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
हर मंदिर-मस्जिद पर सर झुकता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
कहीं से याद आते उनकी चीखता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |
हर वक़्त यह दिल अजब दुखता था,
जब आप से मिला, अंजुमन में आ गया |