क्यों कहते हो मुझसे ?

क्यों कहते हो मुझसे के यार ना करो ?
क्यों कहते हो मुझसे के प्यार ना करो ?

खुद तो मांगते हो ख़ुदा से हज़ार आँखें,
मुझसे कहते हो के आँखें चार ना करो |

शौक़ है तुमको क़त्ल-ए-सर-ए-आम का,
मुझसे कहते हो जान निसार ना करो |

खुद तो मोज़ेचा बने फिरते हो जहान में,
मुझसे कहते हो कोई चमत्कार ना करो |

एक बूँद भी नहीं पीते हो शराब की अजब,
और मुझसे कहते हो की इंकार ना करो |

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