कब रोका था

बारिशों ने, तूफानों ने, कब रोका था |
मैंने आपको मुझे बुलाने से कब रोका था |

कारवां मोहब्बत का राह में छूट गया,
मुझे कोई मेरा अपना ही लूट गया |

आहों ने, बाहों ने, कब रोका था |
मैंने आपको मुझे बुलाने से कब रोका था |

एक बेगुनाह मुजरिम की तरह करता रहा,
मैं अपनी कारवाही,
पर ओ बेवफा, मुझे तेरी उल्फ़त राज़ ना आई |

आँसुंओं ने, न निगाहों, ने कब रोका था |
मैंने आपको मुझे बुलाने से कब रोका था |

कल रात पैमाने में तेरी तस्वीर को डुबो दिया,
मैंने ख़ुद ही तेरी आशिकी को डुबो दिया |

शराबों ने, पैमानों ने, कब रोका था |
मैंने आपको मुझे बुलाने से कब रोका था |

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