ऑसम मौसम

काले बादलों के बीच एक टुकड़ा चाँद का दिखा,
और एक चाँद का टुकड़ा मेरे पास भी है |
हवाएं कुछ प्यार की कहानी कहती है |
फूल नशीली बातें करते है |
बड़ा सही है मौसम,
ऑसम मौसम !

आ गले से लग जा मेरे जीवनसाथी, आजा |
दिसंबर की सर्दियों में आग लगा जा |
इस मुलाक़ात को याद बना दें |
यादों का मकबरा बना दें |
बड़ा सही है मौसम,
ऑसम मौसम !

जुगनू के परों पर चढ़ के घूमने चलते है |
रात की सियाही से ग़ज़ल लिखते है |
वह दूर जलता तारा तारा देख |
पास प्यार हमारा देख |
बड़ा सही है मौसम,
ऑसम मौसम !

बिस्तर पर फूल रखा था वह बदन बनकर घर चला जायेगा |
तेरी-मेरी कहानी से सनसनी इतिहास लिखा जायेगा |
आओ, दोनों हाथों से एक नयी काएनात बनायें |
क्यूँ नफरत करें, क्यूँ प्यार ?
सुन मौसम की पुकार |
बड़ा सही है मौसम,
ऑसम मौसम !

सारी धरती, सारे अंबर, सारी नदियां, सारे रास्ते पुकार रहे है |
रात का जिन्न अपने आका को पुकार रहा है |
ज़िंदगी मेरे हाथों से फिसल रही है |
तु भी कुछ फिसल ना |
बड़ा सही है मौसम,
ऑसम मौसम !

Leave a Reply