अपना मिलान तो होना ही था |
दिल तेरे यहाँ खोना ही था |
वो दौर एक मज़ाक ही तो था,
वो एक सपन-सलोना ही था |
बहुत कटी थी नागवार,
तेरी गोद में सोना ही था |
फ़ेंक ही दिया ना आखिर,
यह जिस्म एक खिलौना ही था |
डूब गया गंगा में मैं,
अपने पापों को धोना ही था |
दो आयी थी ज़िंदगी में अजब,
दोनों ने समझा खिलौना ही था |