चकले की एक शाम

शाम का समय है | गाडियों के हॉर्न, गालियों और ९० के दशक के गाने माहोल बना रहे है | अलग-अलग उम्र की औरतें माचिस की डिब्बी जैसे झोपड़ियों के बाहर खडी हैं | परेशान, कमीने, गुसैल और भूखे मर्द उन औरतों को अश्लील निगाहों से देख रहे | पुलिस की गाडी बार-बार चक्कर मार … Continue reading चकले की एक शाम