सुना है,
इस जग में भांति-भांति के प्राणी है |
पर मैंने एक जादुई प्राणी देखा है |
सच में !
मैंने एक जादुई प्राणी देखा है |
पांच साल में एक बार आता है |
फ़िर ग़ायब हो जाता |
पांच साल के बाद,
फ़िर एक बार आता है |
मैंने एक जादुई प्राणी देखा है |
उसके अंग में कुछ नहीं,
आँख नहीं, हाथ नहीं, जीब नहीं,
दिमाग शायद हो, पर आत्मा नहीं,
बिलकुल ही नहीं |
सारा शरीर सिर्फ एक जेब है |
कमाल है !
मैंने एक जादुई प्राणी देखा है |
सनातन ग्रंथों में भी इसका उलेख नहीं |
८४ लाख योनियों में ये नहीं |
यह अजब है, कुछ मेरे जैसा,
पर मैं जादुई नहीं, इसके जैसा |
यह सनातन से भी पौराणिक है |
यह अनंत से भी अनंत है |
बाबा रे !
मैंने एक जादुई प्राणी देखा है |
😀😀😀😀😀
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बधाई
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धन्यवाद | कृपया शेयर करें |
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सटीक व्यंग किया है .
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धन्यवाद |
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Bahot khub
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Thanks a lot.
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