पत्ता-पत्ता हिल गया |
दिल हमारा खिल गया |
सजदा-ए-यार में,
पैर मेरा छिल गया |
फिर उंस की बरसात हुई,
बेवफा अपना दिल गया |
कोई ऊम्फ सी आज है,
लगता है वह मिल गया |
उसने यूँ छुआ मुझे,
हर ज़ख्म सील गया |
जाने क्या क़यामत हुई,
वह पत्थर हिल गया |
पत्ता-पत्ता हिल गया |
दिल हमारा खिल गया |