तुम ही मिलते तो अच्छा था

जहाँ फुल खिलते है,
वहीँ खिलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था |

तुम ही हमसफ़र बन कर,
साथ चलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था |

ज़ख्म जो तेरे प्यार के,
जल्दी ही सिलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था |

मेरे आँखों के दीये,
तेरे लिए ही जलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था |

इस सूखे शजर के,
पत्ते कभी हिलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था

अजब के नाम की मेहँदी,
हाथ में मलते तो अच्छा था |
तुम से ही प्यार किया था,
तुम ही मिलते तो अच्छा था |

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